तस्वीर
कुछ दिनों से एक तस्वीर
ख़यालोमे आ-जा रही है
क्या में इसे इश्क़ का नाम दे दू
अनजाने में मुलाकात हुयी थी हमारी
उस्से बात कर के अच्छा तो लगा था
लेकिन इसमे ऐसी कोनसी बड़ी बात है
क्या अब मुझे उससे फिरसे मिलना होगा
ये जानने के लिए की हमारे बीच कुछ...
लेकिन कुछ वक्त की सोहबत ही ठीक है
एक मुलाकात मुख़्तसर क्यू नही
मेरे अज़ीज़ को जब मैंने ये बात बताई
तो उसने कहा
ये साजिश-ए-क़ायनात है
जिसने तुम्हे एक दूसरे से वाकिफ किया है
तुम्हे उस्से मिलना ही होगा
वक़्त के साथ
आँखे हद से ज्यादा बोलने लगेंगी
लफ़्ज़ों के मायने कम हो जायेंगे
वो मुस्कुरायेगी
हो सकता है शरमाए भी
लेकिन कुछ भी हो
उसे अपने दिल की बात जरूर बताना
दिल की बात ?
कौनसी दिल की बात ?
मैं ऐसी वाहियात हरकते नही करने वाला
"क्या हो जो किस्मत ने तुम्हे मिलाया हो ?"
"बकवास"
"क्या हो जो यही तुम्हारे ज़िंदगी की मोहोब्बत हो ?"
"अगर ना हो तो वक़्त बरबाद "
"मानने मैं क्या हर्ज है ?"
"मतलब खुदसे झूठ बोलकर, सच की तलाश करू ?"
ये प्यार पाने की जुस्तुजू
मुझे आजतक समझ नही आयी
लोग ऐसी बेहकी बेहकी बाते कैसे कर सकते है
उन दीवानो सी हालत नही है मेरी
नींद उड़ जाना
कोए कोए से रहना
और ना जाने क्या
में पूरे होश-ओ-आवास में हु
बस कुछ दिनों से एक तस्वीर
ख़यालोमे आ-जा रही है
क्या में इसे इश्क़ का नाम दे दू ?
Written by
Suraj_2310
ख़यालोमे आ-जा रही है
क्या में इसे इश्क़ का नाम दे दू
अनजाने में मुलाकात हुयी थी हमारी
उस्से बात कर के अच्छा तो लगा था
लेकिन इसमे ऐसी कोनसी बड़ी बात है
क्या अब मुझे उससे फिरसे मिलना होगा
ये जानने के लिए की हमारे बीच कुछ...
लेकिन कुछ वक्त की सोहबत ही ठीक है
एक मुलाकात मुख़्तसर क्यू नही
मेरे अज़ीज़ को जब मैंने ये बात बताई
तो उसने कहा
ये साजिश-ए-क़ायनात है
जिसने तुम्हे एक दूसरे से वाकिफ किया है
तुम्हे उस्से मिलना ही होगा
वक़्त के साथ
आँखे हद से ज्यादा बोलने लगेंगी
लफ़्ज़ों के मायने कम हो जायेंगे
वो मुस्कुरायेगी
हो सकता है शरमाए भी
लेकिन कुछ भी हो
उसे अपने दिल की बात जरूर बताना
दिल की बात ?
कौनसी दिल की बात ?
मैं ऐसी वाहियात हरकते नही करने वाला
"क्या हो जो किस्मत ने तुम्हे मिलाया हो ?"
"बकवास"
"क्या हो जो यही तुम्हारे ज़िंदगी की मोहोब्बत हो ?"
"अगर ना हो तो वक़्त बरबाद "
"मानने मैं क्या हर्ज है ?"
"मतलब खुदसे झूठ बोलकर, सच की तलाश करू ?"
ये प्यार पाने की जुस्तुजू
मुझे आजतक समझ नही आयी
लोग ऐसी बेहकी बेहकी बाते कैसे कर सकते है
उन दीवानो सी हालत नही है मेरी
नींद उड़ जाना
कोए कोए से रहना
और ना जाने क्या
में पूरे होश-ओ-आवास में हु
बस कुछ दिनों से एक तस्वीर
ख़यालोमे आ-जा रही है
क्या में इसे इश्क़ का नाम दे दू ?
Written by
Suraj_2310
Amazing work!!
ReplyDeleteThank you so much
Deleteछान
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