महफ़िल-ए-शायरी Part Two
Vinit Kadam
Suraj_2310
क्या करू तुझसे नज़रे हटाके
में नहीं तो कोई और देख ही लेगा
अरमान गलत मत समझ मेरे
कैसे यकीन दिलाऊ तुझे
चल, करता हु वादा
आजसे मेरी हर शायरी में
तेरा ही नाम होगा
Suraj_2310
नाम में क्या रखा है जनाब
मतलब तो काम में है
कैसे यकीन करे मुनासिब है आपका वादा
हकीकत तो तब पता चलेगी
जब समझेगा आपका इरादा
Vinit Kadam
इरादे तो नेक है मेरे
वरना इतना वक़्त ना बरबाद करते
सिर्फ दूर से देखकर
खामखा कीचड़ उछालते जा रहे हो
मासूम आशिक पे
Suraj_2310
दूर से तो जनाब ताज भी सफ़ेद लगता है
पर इस जालिम दुनिया में कुछ सफ़ेद ना रखा
Vinit Kadam
ज़माने से फरेब है
तो ज़माने को टोकिये
हम तो अपना घर बसा रहे है
उसपे पत्तर ना फेको
Suraj_2310
हम तो ठहरे बंजारे
हमारा कोई घर नहीं होता
होता तो बस ठिकाना है
जिसमे हमारा पूरा जहा समां जाता है
Vinit Kadam
बंजारोंकी बस्ती हम कबकी छोड़ आये
दुनिया बहोत बड़ी है दोस्त
अभी से कोई हमसफ़र चुन लो
वरना खो जावोगे तन्हा इस भीड़ में
Suraj_2310
हम तो मंच पे खड़े रहते है दोस्त
भीड़ हमारा खेल नहीं
और रही बात तन्हाई की
तो लफ्ज़ याद रख मेरे
हमसफ़र तो फिर भी छोड़ जायेगा
तन्हाई ना छोड़ेगी कभी
Vinit Kadam
छोड़ के तो जाना है सबको एक दिन
तन्हाई खुछ पल की मेहमान है
तो ठीक है
अगर ज्यादा दिन रही
तो घर क्या
सपने भी तभा कर सकती है
Suraj_2310
तन्हाई से प्यार करना सीखिए जनाब
शायद वही आपके सपने साकारने में मदत करे.
Vinit Kadam
प्यार हमें राज़ नहीं
तन्हाई हमें राज़ नहीं
जब दिल चाहे
किसी एक को चुन लेते है
Suraj_2310
प्यार और तन्हाई तो आखोंकी तरहा है
एक बंद की तो दूसरी दृष्टी देती है
यदि दोनों बंद हो जाये तो
जिंदगी में अंधेरा हो जाये
Vinit Kadam
अंधेरोंसे तो पुराणी दोस्ती है
मगर अब आदत छुट चुकी है
रब की मेहर है
अगर इस बार लड़खड़ाए तो
संभालने के लिए दोस्त साथ खड़े है
Suraj_2310
comment if you like to have third part of महफ़िल-ए-शायरी
Bhai bhai🔥🔥🔥😘😘
ReplyDeletethank you so much mayuri
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